Saturday 23 December 2017

भूख लगी है

रोटी दे दो न साहब
भूख लगी है

आप तो बड़े घर वाले हो
कितना स्वादिष्ट खाना खाते होंगे
वो क्या कहते हैं , छप्पन भोग
हाँ वही, लगाते होंगे
हमको तो दो वक़्त का खाना
भी नहीं मिल पा रहा
जो बच गया हो वही सही
रोटी दे दो न साहब
भूख लगी है

ये कैसी रोटी है, किस चीज की बनी
ये सफ़ेद रंग की ये रोटी
इसके ऊपर ये क्या मल रखा है
चमक सी रही है रोटी
ये लोग कैसी रोटी खाते हैं
सुना है इसको बटर-नान  कहते हो
चलो वही सही, बच गयी तो
कूड़े में क्यों फेक रहे हो
फिर आज भूखा सोना पड़ेगा
अरे रोटी दे दो न साहब
भूख लगी है

अरे ये चावल के दाने लम्बे कितने हैं
और ये ज़र्द रंग क्यों चढ़ा है इनपे
माँ, पता है ? उनके चावल में
सब्जियां भी साथ मिली होती हैं
साहब के लड़के से सुना कि
इसका नाम बिरयानी  है
चलो, कचरे के डब्बे से ही चुन लेंगे
आज भूखा नहीं सो पाउँगा
माँ, बहुत भूख लगी है

भगवान की मूरत के आगे
तुम ये जो बड़ी बड़ी मिठाइयाँ
ये मोदक, मिश्री, भर भर कलश दूध
उड़ेल रहे हो, उसमे थोड़ा
बस थोड़ा, हमको भी दे दो न
क्या चला जायेगा तुम्हारा
अरे रोटी दे दो न साहब
भूख लगी है 

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