Tuesday 23 June 2020

जिंदगी

जिंदगी
कभी खुशियों से नहीं बनती,
परेशानियों और
उलझनों से बनती है |
जिस लम्हे आप खुश नहीं होते हैं ,
वो पल आपकी जिंदगी के
रंग-रूप और रस्ते तय करते हैं |

जब खुश होते हैं,
तब नहीं सोचते
ये कैसे हुआ |
पर, जब खुश नहीं होते
तब सोचते हैं,
कहाँ क्या बिगड़ा,
कैसे मैं जिंदगी के इस
मोड़ पर आ खड़ा हुआ हूँ |
और उस एक लम्हे में फिर
आप अपनी जिंदगी
तय कर लेते हैं |

जिंदगी आखिर इतनी कब
उलझ गयी कि, अब
इसमें खुशी ढूंढनी पड़ती है,
और वो भी वहां से
जहाँ उसका घर भी नहीं है |
ख़ुशी क्यूँ हमेशा नहीं रहती ?
क्यूँ कमल की राह
कीचड़ से निकलती है ?

Sunday 21 June 2020

भीड़

भीड़ का हिस्सा मत बनो 
भीड़ के पीछे भागने वाले  
भीड़ में ही गुम हो जाते हैं 
भीड़ में किसी की कोई 
फरीद पहचान नहीं होती 
उसकी अपनी एक पहचान होती है 
पर तुम्हारी कोई शनाख्त नहीं होती 

भीड़ का हिस्सा मत बनो 
भीड़ से केवल कोरोना जैसी
भयानक बीमारियां फैलती हैं 
भीड़ से कभी कोई
अच्छी चीज नहीं आती 
भीड़ के पीछे मत भागो 

भीड़ का युद्ध,
ना ही कर्म युद्ध होता है,
और ना ही धर्म युद्ध 
जिस युद्ध में धर्म और कर्म 
दोनों ही नदारद हो,
उस युद्ध के सैनिक मत बनो 
भीड़ का हिस्सा मत बनो