Monday 26 October 2020

किताब

किताबों में मेरी एक दुनिया है, 
जो बस चंद अक्षरों के दरम्यां है | 
किताबों से निकलते कितने अल्फ़ाज़ हैं, 
किताबों में फिर छुपे कितने राज़ हैं 

जिंदगी जीना हो तो, 
किताबों के माफ़िक़ जीना | 
किताबों में बस कहानियां जुड़ती हैं, 
लिखी बात कभी वापस नहीं होती | 
जिंदगी में जो भी किया, 
कभी वो वापस नहीं होना चाहिए | 
जिंदगी के किसी पन्ने का 
अफ़सोस नहीं होना चाहिए | 

पर जिंदगी कभी अगर
खाली किताब पकड़ा दे,
तो उसमें कहानी लिखने मत बैठ जाना,
कहानियां पढ़ना जरूर पर | 
असली कहानी लिखी नहीं 
जी जाती है बस | 

तुम जिस किताब में
किसी और की कहानियां पढ़ रहे हो, 
वो किताब उसने नहीं
किसी और ने लिखी है | 
तुम्हारी कहानी लिखने वाले भी 
हज़ारों मिलेंगे |  
बस, कहानी ऐसी रखना कि
किताब लिखने वाले के पास
वक़्त कम पड़ जाए |