Tuesday 23 June 2020

जिंदगी

जिंदगी
कभी खुशियों से नहीं बनती,
परेशानियों और
उलझनों से बनती है |
जिस लम्हे आप खुश नहीं होते हैं ,
वो पल आपकी जिंदगी के
रंग-रूप और रस्ते तय करते हैं |

जब खुश होते हैं,
तब नहीं सोचते
ये कैसे हुआ |
पर, जब खुश नहीं होते
तब सोचते हैं,
कहाँ क्या बिगड़ा,
कैसे मैं जिंदगी के इस
मोड़ पर आ खड़ा हुआ हूँ |
और उस एक लम्हे में फिर
आप अपनी जिंदगी
तय कर लेते हैं |

जिंदगी आखिर इतनी कब
उलझ गयी कि, अब
इसमें खुशी ढूंढनी पड़ती है,
और वो भी वहां से
जहाँ उसका घर भी नहीं है |
ख़ुशी क्यूँ हमेशा नहीं रहती ?
क्यूँ कमल की राह
कीचड़ से निकलती है ?

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