Wednesday 24 February 2016

अहमियत

Read English translation here: Importance.

ये जिंदगी सब कुछ सही समय पर सिखाना जानती है,
वक़्त बेवक़्त जाने फिर भी हमें कितना तरसाती  है। 
शायद एक कठोर शिक्षक की भाँति है यह,
तजुर्बे की छाप छोड़ जाती है हर मोड़ पर वह। 
ना ये वक़्त से पहले कुछ होने देती है, ना वक़्त के बाद,
ये भी सही है कि लम्हे गुजर जाते हैं, रह जाती है बस याद। 
लम्बे से इस सफर में राह का हर मोड़ अहम है,
बच निकलेगा कहीं से, ये तेरा वहम् है। 

जिंदगी में अहम है अपनी चीजों का खोना,
वर्ना शायद हम न समझें कि क्या होता है होना। 
आंसुओं को ही देख लो, किसे पसंद है कभी रोना,
पर जो ये न हो तो कौन जानेगा क्या होता है हसीं का होना। 
अब इस मौसम को ही ले लीजिये न आप जनाब,
गर्म होता है तो कहते हैं, सर्द और बारिश लाजवाब,
बारिश होती है तो कहता है, थम जा अब, 
सर्द में कहते हैं, सही थी वो गर्मी की शब। 
वापस वहीँ जाते हैं, चलता है फिर से ये चक्का,
मन नहीं मानता, हो कर कभी किसी एक का। 

वो बरबस आवाज़ लगाते रहे, देख तो लो एक बार मुड़ कर,
हम कहते रहे, रुक-ठहर, अभी जाने दे मुझे, थोड़ी देर सब्र कर। 
अर्से बाद जब गहरा सन्नाटा छाया, 
और मुड़ने का ख्याल जहन में आया,
पीछे पलट कर देखा तो तुझे कहीं न पाया। 
फूट फूट कर रोये, सर पीटा हमने अपना,
याद आता रहा तेरे संग बीता जो बचपना। 
अब जब खो चुका मैं सब कुछ तेरा,
तब जा कर इन यादों के साये ने मुझे घेरा। 
याद है जब वो बचपन में कंधे पर बिठाते थे,
वही हेलीकाप्टर और प्लेन समझ खिलखिलाते थे। 
हर छोटी सी आह पर कैसे तड़प जाते थे,
याद है गोद में लोरियाँ गाकर हमें सुलाते थे। 
पर सब कुछ तो चला गया है,
न वो पल है, न वह लम्हे है, और न वो वक़्त है। 
याद है तुम्हें ?
याद ही तो है बस,
याद ही तो है बस। 

अब के बार भी सिखा गयी ये जिंदगी मुझे,
आँखे खोल दी कि अगली बार अहमियत सूझे। 
न वह समय मुड़ने वाला है, न ये राह,
चाहत है जैसे मुझे भी जला दे ये दाह। 
नहीं मालूम हमें क्या सही, क्या गलत इस वक़्त,
पर चोट बहुत गहरी है और घाव बहुत ही सख्त।
क्या फायदा इन सब का लेकिन, 
वो सब तो जा चुका, बीत गए वो दिन। 
जिंदगी भी बढ़ गयी, जो लम्बी सी हो कोई आयत,
किससे करें गिला, शिकवा और शिकायत। 
ढूढेंगे अगर बची हो जहन में जो इंसानियत,
निर्दय ये जिंदगी, वरना बेवक़्त फिर सिखा जाएगी अहमियत। 

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